पटना/ बिहार| प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव एवं प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेतिया की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया। और सभा पूरी तरह से फ्लॉप रही और जनता ने स्पष्ट संदेश दे दिया की बिहार में अब लोग मोदी को नहीं बल्कि मुद्दों की बात सुनना चाहते हैं । सभा में 60% से अधिक कुर्सियां खाली रह गई और यह उन लोगों के लिए सबक है जो सत्ता और स्वार्थ के लिए गठबंधन बनाते रहे हैं, जनता ने करारा जवाब दिया है। साथ ही साथ लोगों ने डबल इंजन सरकार को पूरी तरह से नकार कर स्पष्ट संदेश दे दिया कि बिहार में जुमलाबाजी या भ्रम के राजनीति नहीं चलेगी।
बेतिया की सभा से संदेश,अब मोदी को नहीं, बिहार के लोग मुद्दे को पसंद करते हैं: राजद
नेताओं ने कहा कि जिस तरह से देश और बिहार के नौजवानों को नरेंद्र मोदी सरकार ने ठगने का काम किया है लोगों ने अपने गुस्से का इजहार कर बता दिया की ऐसी राजनीति को अब लोग नहीं पसंद करते हैं। जहां हर साल 2 करोड़ नौजवानों को रोजगार देने का केंद्र सरकार ने वादा किया था वहां 10 सालों में सिर्फ 7 लाख 22 हजार 311 लोगों को ही नौकरियां या रोजगार दी गई ,जबकि 20 करोड लोगों को रोजगार या नौकरी देने का नरेंद्र मोदी सरकार ने वादा किया था ।
नेताओं ने कहा कि बिहार की राजनीति में अब नौकरी और रोजगार के प्रति जो ललक और चाहत है नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने 17 महीना में 5 लाख से ऊपर नौकरियां देकर की है। उससे यह स्पष्ट संदेश गया की हर घरों में खुशियां और चेहरे पर मुस्कुराहट तभी आ सकती है जब हर परिवार में नौकरी या रोजगार होगा।भाजपा ने रोजगार की जगह नफरत की राजनीति को बढ़ावा दिया और नौजवानों को नफरत की राजनीति की ओर ले जाने का काम किया,लेकिन बिहार से तेजस्वी प्रसाद यादव ने जो संदेश दिया की नौकरी और रोजगार को बढ़ावा देकर देश और बिहार में खुशहाली लायी जा सकती है,उसके प्रति जनता का विश्वास स्पष्ट रूप से दिख रहा है,और उसका प्रकटीकरण 3 मार्च 2024 को गांधी मैदान में जन विश्वास महारैली में पटना में देखने को मिला ।बिहार से लोगों ने संदेश दिया कि परिवर्तन की राजनीति का आगाज हो चुका है ,और इसकी बयार पूरे देश में है ।
नेताओं ने कहा कि अब मोदी चाहकर भी वैसी राजनीति नहीं कर सकते हैं, जैसी राजनीति करके वह लोगों को भ्रम और जुमला बाजी करते रहे हैं।
नेताओं ने कहा कि परिवारवाद की बात करने वाले अपने गिरेबान में झांक ले ,तो बेहतर रहेगा क्योंकि जिनके घर शीशे के होते हैं वह दूसरे के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते । भाजपा में परिवारवाद की श्रृंखला है और एनडीए में जितने भी घटक दल हैं सभी के सभी परिवारवाद के पोषक हैं। साथ ही कहा कि नेताओं ने पूछा कि चुनाव के समय श्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी की सभा में कहा था कि हम चीनी मिल खुलवाकर दोबारा आएंगे तो चाय यहीं पियेंगे ,लेकिन आज बेतिया तो आये, लेकिन चीनी मिल का खुलवाने का वादा वायदा ही रह गया और यह जुमला बाजी साबित हुआ।
बिहार की जागरूक जनता अब मोदी की राजनीति को समझ चुकी है, और आज जिस तरह से कुर्सियां खाली रही इस तरह से एनडीए सीटों के लिए भी तरस जायेगी।
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