बैठक में प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह ने सभी को संबोधन में कहे की नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीए ए )क्या है? नागरिकता संशोधन कानून की सहायता से पाकिस्तान ,अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से विस्थापित हिंदू ,सिख ,जैन ,बौद्ध ,पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। अब पाकिस्तान अफगानिस्तान व बांग्लादेश के हिंदू ,जैन ,बौद्ध ,पारसी और ईसाई धर्म के लोग, जिन्होंने 21 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था वह सभी भारत की नागरिकता के पात्र होंगे। वही उन्होंने कहा कि विपक्ष वोट बैंक की राजनीति करने के लिए भ्रम फैला रहा है। मुसलमानों में यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि यह मुसलमानों से देश की नागरिकता छीन लेने का कानून है। और यह झूठ फैलाया जा रहा है कि इस कानून से भारत के मुस्लिमों को घुसपैठिया बताया जाएगा। यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि इस कानून से एनआरसी बनाया जाएगा। हताश विपक्ष मुसलमानों में भय व्याप्त कर कुत्सित राजनीति कर रहा है ।विपक्ष समाज में भ्रम फैलाकर ओछी स्वार्थों की राजनीति कर रहा है। उसका यह कहना है कि सरकार को यह अधिनियम बनाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है ।नागरिकता का मुद्दा संविधान के भाग। में अनुच्छेद 11 पर निर्भर था ,जो सांसद को भारतीय नागरिकता के लिए एक विस्तृत रूपरेखा तैयार करने का विशेषाधिकार देता है। जिसके कारण नागरिकता अधिनियम 1955 में अस्तित्व में आया। इसलिए यह कहना गलत है कि सांसद को नागरिकता के मानदेय में बदलाव लाने का कोई अधिकार नहीं है। यह तर्क संविधान निर्माताओं के इरादों के विपरीत है। सच्चाई यह है कि संविधान सभा में कभी भी नागरिकता के मानदंडों को अंतिम रूप नहीं दिया। बल्कि संविधान ने सांसद को भारतीय नागरिकता के मानदंड को निर्धारित कर उसे अंतिम रूप देने का अधिकार है। इस ऐतिहासिक घड़ी में कांग्रेस भारत विभाजन की अपनी ऐतिहासिक गलतियों के लिए प्रेषित करने से एक बार पुनः चूक गई। इस कानून का विरोध करके कांग्रेस ने एक बार पुनः सिद्ध कर दिया है कि उसका गांधी जी के बचन ,भावना और उनके दर्शन से अब कोई संबंध नहीं है। नेहरू -लियाकत समझौते की अंतर्गत जो भावना निहित रही है, उसी भावना का सम्मान नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 में किया गया है। भारत सरकार की धार्मिक कारणों से पीड़ित विस्थापितों को सुरक्षा देने की स्थापित नीति का अनुकरण है ,किंतु यह कांग्रेस की दुर्भाग्यपूर्ण राजनीतिक है जो गांधी व नेहरू के द्वारा स्थापित नीति का विरोध करके मानव अधिकारों को कुचलने का काम कर रही है। इसी को विनाश काले विपरीत बुद्धि कहा जाता है।
साथ ही बताया कि हैंड बिल के माध्यम से घर-घर जाकर बताएं कि 1965 और 1971 के युद्ध के समय विस्थापित नागरिकों को नागरिकता देने के लिए 2004 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने गुजरात व राजस्थान के 6 जिलों के कलेक्टर को नागरिकता देने के लिए अधिकृत किया था। जिसे डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार ने 2005, 2006 में भी लागू रखा।
वही भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह टाइगर ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 बांग्लादेश ,पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यक को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के भाजपा के वचन का क्रियान्वयन है। इन देशों में पिछले कई वर्षों से हिंदुओं ,जैन, बौद्ध ,ईसाई और पारसी लोगों के साथ शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। हमारे पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक को खासकर हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन नरसंहार, बलात्कार और संपत्तियों पर अवैध कब्जा सहना पड़ता है।इन सब से बचकर जब वह भारत आते हैं तो यहां उन्हें शिक्षा ,स्वास्थ और दूसरी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल सकती। यह पूर्ण रूप से मानवाधिकारों का हनन है। भारत की नागरिकता हासिल करने का कोई ठोस दस्तावेज उपलब्ध नहीं होता है। अतः यह लोग तकनीकी तौर पर भारतीय नागरिक को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रहते आए हैं और इन्हें यह समस्या नहीं सहनीय होगी। इस कानून के उद्देश्य एवं कारणों से स्पष्ट किया गया है कि ऐसे शरणार्थियों को जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्धारित तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया है। उनके नागरिकता संबंधी विषयों के लिए एक विशेष विधि व्यवस्था बनाई गई है।
कानून में हिंदू, जैन ,बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदायों के विस्थापितों को नागरिकता के लिए आवेदन करने से वंचित ना करने की बात कही गई है। भाजपा जिला अध्यक्ष प्रेम चतुर्वेदी ने सभी मंडलों के शक्ति केंद्र प्रभारियों से संगठन पर विस्तार से विचार विमर्श कर अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में जनसंपर्क घर-घर जाकर हैंड मिल बांट कर सभी को जानकारी देने का काम करें विपक्ष के झूठे प्रचार को बताएं बताने का कार्य करें प्रत्येक विधानसभा में 10-10 के प्रभारी बनाया गया है।
धन्यवाद ज्ञापन भाजपा जिला उपाध्यक्ष रामावती सिंह ने किया। अंत मे डुमराव महाराज कमल सिह,भाजपा के वरिष्ठ नेता व जाने माने प्रसिद्ध चिकित्सा डाक्टर विजय कुमार सिंह के निधन पर दो मिनट मौन रख कर उनके आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया गया। शोक सभा इस बैठक में भाजपा प्रदेश परिषद के सदस्य राजेंद्र तिवारी ,अजय कुमार सिंह ,जिला के नेता उदय प्रताप सिंह, इंजीनियर धीरेंद्र सिंह ,मंगलाचरण तिवारी , रमेश कुमार सिन्हा उर्फ करण जी ,अशोक श्रीवास्तव, अमरेंद्र सकरवार, कौशल यादव, संजय सिंह लहठान , मधु मिश्रा, रानी राय ,बंदना राजवंशी, परशुराम चौधरी, मनीष प्रभात ,रंग बहादुर यादव ,हरे राम चंद्रवंशी, विनय बेलाउर , ज्योति प्रकाश कुशवाहा,नवीन प्रकाश, अरुण कुमार सिन्हा, उदय सिंह, नगर अध्यक्ष जीतू चौरसिया, धीरज सिंह, संजय तिवारी ,मिथिलेश सिंह उर्फ मुन्ना कुशवाहा, पंकज तिवारी, अजय यादव,लव पांडे, श्री भगवान सिंह, सचिन सिन्हा, मनी जी ,डॉ संजय सिंह, विभु जैन, भरत तिवारी, विनोद कुमार सिंह ,राम प्रकाश पांडे ,अरविंद पांडे, विद्यासागर पांडे, कृष्ण मोहन श्रीवास्तव, चंदन पांडे सहित काफी संख्या में प्रत्येक विधानसभा से शक्ति केन्द्र प्रभारी मंडल अध्यक्ष जिला पदाधिकारी मंच- मोर्चा के जिला अध्यक्ष शामिल थे। इस कार्यक्रम की जानकारी भाजपा जिला मीडिया सह कार्यालय प्रमुख रमेश कुमार सिन्हा उर्फ कर्ण जी द्वारा दिया गया।