डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और प्रो. बलराज मधोक के नेतृत्व में लाखों कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया था वे आज सरकार व समाज के द्वारा सहर्ष स्वीकार किए जा रहे हैं। जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन, अनुच्छेद 370 व 35 ए के समापन और पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर भारतीय सेनाओं के हमले की सराहना करते हुए जनसंघ अध्यक्ष ने देश की एकता अखंडता व सुरक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने का आह्वान किया।
उन्होंने पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में हिन्दुओं के विशेष उत्पीड़न व हिंसा की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। हिन्दुवादी नेता कमलेश तिवारी तथा कुछ दिनों पूर्व पश्चिम बंगाल के एक युवा शिक्षक की गर्भवती पत्नी व बच्चे सहित हत्या पर गहरा रोष एवं आक्रोश व्यक्त करते हुए उन्होंने राज्य सरकारों से कड़े कदम उठाने तथा एेसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने को सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जनसंघ को सामाजिक-राजनीतिक और वैचारिक रूप से सशक्त संगठन बना कर देश की सेवा तथा राजनीति की शुद्धि का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता सत्येंद्र नारायण सिंह, विषय प्रवर्तन मदनमोहन सिंह व धन्यवाद ज्ञापन सरोज कुमार अकेला ने किया। वक्ताओं में डॉ. श्रीनिवास तिवारी ‘मधुकर’, शिवदास सिंह, विश्वनाथ दूबे, जनार्दन मिश्र, उमेश सिंह कुशवाहा, कुमार सौरभ, वीरेंद्र नाथ चतुर्वेदी, नर्मदेश्वर उपाध्याय, जयप्रकाश तिवारी, महेंद्र पाण्डेय, ध्रुव कुमार सिंह, सुरेन्द्र कुमार मिश्र आदि प्रमुख थे।
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