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दुःख से निवृत्त होने का उपाय वैराग्य है। सद्गुरु

आरा/भोजपुर| महर्षि सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान भोजपुर जिला कार्यालय सह सत्संग भवन महाराजा हाता गली न0–2 में सप्ताहिक सत्संग संगोष्ठी आयोजित किया गया, जिसमें मंच संचालन आरा अनुमंडल संयोजक श्री कृष्णा प्रसाद ने किया। पटना पश्चिमी प्रमंडल मंत्री श्री उमेश कुमार जी भावोद्गार व्यक्त करते हुए कहा — संत और सत्संग का मिलन बड़े भाग्य से होता है।

संसार में सुख परिकल्पना है ही नहीं बल्कि दुःख से निवृत्त होने का उपाय वैराग्य है। निष्काम भाव से किया गया कर्म ही विक्रम की श्रेणी में आता है इसके लिए सद्गुरु का मिलन आवश्यक है।
राजवंश जी ने भजन — वेला अमृत गया तेरे साथी जगे। आलसी हो रहे,तु न जागा।।
बिहार राज्य समन्वयक सह दक्षिण पूर्व बिहार महामंत्री श्री भूपेंद्र राय जी ने कहा — संत से जब मिलन होता है तो दुःख का निवारण अपने आप हो जाता है, सद्गुरु तो वह सत्ता है जो आपके दुःखों को जान जाते हैं और उनका निवारण करते हैं। इसके लिए सत्संग आवश्यक है। संत मिले तो सुख मिले, दुष्ट मिले दुःख होय ।

आज के कार्यक्रम में भोजपुर जिला सचिव श्री विजय पाण्डेय, परामर्शक श्री दीपनारायण प्रसाद, मीडिया प्रभारी श्री सुरेश कुमार, उपेन्द्र कुमार सिंह, धमेंद्र धीरज अभय सिंह, आरा अनुमंडल संयोजिका रीना गुप्ता, रीता देवी, जैयमालती राय, पुष्पा देवी, सरिता पाठक, के अलावे दर्जनों गुरू भाई बहनों की उपस्थिति रही