डीएपी और खाद की कमी पर किसान महासभा का आक्रोश, सिंचाई समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन की घोषणा
6 months ago
Dharna at district headquarters on January 17, statewide membership campaign will start from March 15
भाजपा-जेडीयू सरकार की नीतियों ने खेती को घाटे में धकेला: उमेश सिंह
आरा/भोजपुर| अखिल भारतीय किसान महासभा भोजपुर जिला परिषद की एकदिवसीय बैठक पार्टी जिला कार्यालय आरा में शिवमंगल यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई, बैठक में किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह मौजूद रहे, बैठक की शुरुआत से पहले दिवंगत साथियों को श्रृद्धांजलि देने के बाद शुरू की गई,जिले में रबी फसल की बुआई में डीएपी और मिश्रित खाद की किल्लत को लेकर उत्पन्न हुई संकट पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया
बैठक की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
मुख्य मुद्दे:
डीएपी और खाद की कमी:
रबी फसल की बुआई में उर्वरकों की किल्लत पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया।
सिंचाई की समस्या:
सिंचाई संसाधनों की कमी, जैसे नहरों में पानी की अनुपलब्धता और सरकारी नलकूपों के खराब हालात पर चर्चा की गई।
राज्य सचिव उमेश सिंह का संबोधन:
कृषि रोड मैप की विफलता:
सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा गया कि कृषि लागत में वृद्धि और सिंचाई संसाधनों की कमी के कारण खेती घाटे का सौदा बन गई है।
आंदोलन की घोषणा:
17 जनवरी 2025 को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देकर सिंचाई संसाधनों को सुधारने की मांग उठाई जाएगी।
सदस्यता अभियान और सम्मेलन:
किसानों के बीच जाकर सदस्यता अभियान चलाने का निर्देश।
15 मार्च से 30 मई 2025 तक सदस्यता अभियान चलाने और उसके बाद सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई गई।
उपस्थित सदस्य:
प्रमुख नेताओं में जवाहर लाल, चंद्रदीप सिंह, बिनोद कुशवाहा, ददन यादव, सुरेश सिंह, और अन्य शामिल रहे।
बैठक की शुरुआत:
दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि देकर बैठक का शुभारंभ हुआ।
निष्कर्ष: बैठक में खेती-किसानी से जुड़े मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने और संगठित आंदोलन खड़ा करने का निर्णय लिया गया।