जीतना अहम नहीं है
जीत के पश्चात यदि अहम है
तो जीत निश्चित ही नहीं है
जीत उतनी आनंद दायक नहीं
जितनी असलफता रोमांचक है
जीत के पश्चात आप रुक जाते हैं
परंतु हारकर फिर चलना सीख जाते हैं
जीत को दिया गया पुरुस्कार
अस्तित्व में हार को दिया गया श्रेय है ।।