आरा/भोजपुर। आज जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा द्वारा गड़हनी प्रखंड अंतर्गत ईचरी पंचायत के भिंडरी गांव नजदीक आय अर्जन एवं रोजगार के सशक्त व्यवसाय के रूप में विकसित किए गए पॉलीहाउस, टपकन सिंचाई पद्धति के माध्यम से विकसित बागवानी कृषि, भूमि संरक्षण वं मत्स्य पालन के रूप में विकसित तालाब का निरीक्षण किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने आर्थिक उपार्जन , रोजगार के रूप में सरकारी अनुदान से विकसित खेती की आधुनिक एवं वैज्ञानिक पद्धति की सराहना की व इसे अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत एवं अनुकरणीय बतलाया।
उल्लेखनीय है कि एक 66 वर्षीय महिला किसान श्रीमती कांति किरण ने 17 एकड़ भूमि का क्रय कर खेती को रोजगार एवं व्यवसाय का आधार बनाया। इसके लिए मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत सरकारी अनुदान से पॉलीहाउस का निर्माण 2000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 18 लाख 70 हजार के यूनिट लागत पर की। पोली हाउस के निर्माण लागत पर सरकार ने 50% अनुदान दी। सरकारी अनुदान से प्रेरित होकर श्रीमती किरण ने पॉलीहाउस में जरबेरा फूल की खेती व्यवसाय के रूप में शुरू की जिसमे उन्होंने 618000 रुपए के यूनिट लागत पर जरबेरा फूल की खेती पॉलीहाउस में विकसित की जिस पर सरकार ने 50% अनुदान दी। महिला किसान जरबेरा फूल की पैकेजिंग कर प्रति फूल ₹5 की दर से पटना के व्यापारियों को भेजती है जिससे इनका आय अर्जन होता है तथा कई लोगों को रोजगार मिलते हैं। पोलीहाउस वस्तुतः गुंबदाकार/गुफानुमा आकृति होती है जो जीआई पाइप या एंगिल आयरन का बनाया जाता है। आवरण के लिए 600 से 800 गेज की मोटी पराबैगनी प्रकाश प्रतिरोधी प्लास्टिक शीट का प्रयोग किया जाता है । इसमें आवश्यकता के अनुसार तापमान, आर्द्रता, प्रकाश, वायु संचार आदि को घटा बढ़ा सकते हैं तथा मनचाही फसल किसी भी मौसम में ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत श्रीमती किरण ने 4 बीघा क्षेत्रफल में ₹129070 की लागत से टपकन कृषि पद्धति द्वारा उन्नत प्रभेद के बागवानी को विकसित की । सरकार द्वारा बागवानी की खेती पर 75% अनुदान दी गई । उनके द्वारा बागवानी मैं उन्नत प्रभेद के अमरूद, टमाटर, नींबू, नींबू ,मिर्च ,मेथी, लहसुन आदि की खेती की गई है। 4 से 5 फीट की ऊंची अमरूद के पेड़ से वर्ष में तीन बार फल की खेती की जाती है। इस बागवानी में उन्होंने ड्रिप इरिगेशन तकनीक का प्रयोग की है। बागवानी को उन्होंने व्यवसाय का रूप देकर अपना आर्थिक आधार मजबूत की है तथा अपने एवं परिवार के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में विकसित की है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत श्रीमती किरण ने 4 बीघा की जमीन में 4 तालाब को विकसित की है जो भूमि संरक्षण के साथ-साथ मत्स्य पालन के रूप में उपयोग किया जाता है। इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बतलाया कि प्रत्येक तालाब का क्षेत्रफल 150×100×08 फीट है।₹224500 की प्राक्कलित राशि से तालाब का निर्माण कर मत्स्य पालन का व्यवसाय किया जा रहा है जिस पर सरकार द्वारा 90 % अनुदान दी गई है। तालाब में उन्नत प्रवेश के मछलियों के स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु श्रीमती किरण द्वारा उपयुक्त दाने का प्रयोग किया जाता है। मत्स्य पालन को उन्होंने व्यवसाय का स्वरूप प्रदान करते हुए उसे रोजगार एवं आय अर्जन का जरिया बनाया गया है जो अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत एवं अनुकरणीय है।
तत्पश्चात् पीरों नगर पंचायत अंतर्गत 11 एकड़ भूमि बने तालाब, पीरो प्रखंड जीतौरा गांव का भ्रमण कर तालाब की स्थिति, निर्माणाधीन आंगनवाड़ी केंद्र की स्थिति, गार्डेन का निर्माण, स्कूल भवन की स्थिति का जायजा लिया साथ ही संबंधित अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य संपन्न करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी के भ्रमण के दौरान उप विकास आयुक्त अंशुल अग्रवाल अनुमंडल पदाधिकारी पीरो सुनील कुमार डीपीआरओ प्रमोद कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी संजय नाथ तिवारी, सहायक निदेशक उद्यान, पीरों नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा अंचलाधिकारी सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।