: स्वास्थ्य के विषय में कल हमने चर्चा की थी परंपरागत मोटे अनाज कांगणी/kakum के बारे में कंगनी के बहुत सारे लाभकारी प्रयोग आपको हमने बताए थे कंगनी के हर पहलू को देखा जाए तो यह एक हल्का और सुपाच्य आहार है।यह कब्ज , गैस मधुमेह के रोगियों को, कैंसर से पीड़ित , गठिया , त्वचा , आदि बहुत से रोगों में लाभकारी है और इसे हर वर्ग के लोग अपने आम जीवन में प्रयोग में ला सकते हैं
कंगनी आज हम सब अपने जीवन में भोजन के रूप में यदि प्रयोग करें तो आजीवन किसी भी dr. के पास जाने की आवश्कता ही न पड़े ।कंगनी दो रूपों में होती हैं एक तो कंगनी /kakum जिसके विषय ऊपर विवरण प्रस्तुत किया गया है।दूसरा कंगनी का रूप जिसे छोटी कंगनी (मकरा/मुरात) के नाम से भी जाना जाता है।यह पारंपरिक भारतीय फसलों में से एक है ।
इन अनाजों को पकाने में 6 से 8 घंटे का समय लगता हैं । ये अंडाशय, फेफड़ों , बीपी , थायरॉड,आंखों की समस्या व मोटापा आदि को दूर करने में अति उत्तम है। इसके इस्तेमाल से अल्सर जैसी घातक बीमारी भी दूर की जा सकती है। आतों के इंफेक्शन में यह एक राम बाण औषधि के रूप में काम करता है।
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