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छठ गीतों से बनी शारदा सिन्हा की विशेष पहचान।

आरा/भोजपुर। स्थानीय पटेल बस पड़ाव स्थित भिखारी ठाकुर सांस्कृतिक मंच पर आज पद्मश्री शारदा सिन्हा के आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी चंद्रभूषण पांडे व संचालन पत्रकार नरेंद्र सिंह द्वारा किया गया।

श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा की जिस तरह भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी को सम्मान दिलाया उसी तरह मैथिली भाषी होने के बाद भी भोजपुरी गायिकी को मान सम्मान शारदा सिन्हा ने दिलाया। वे कभी भी बाजारवाद की गायिकी की तरफ नही गई। उन्होंने आजीवन गायिकी को सेवा का रूप दिया।वक्ताओं ने कहा की छठ के गाए गीतों से उनकी विशेष पहचान भोजपुरिया समाज के बीच उभरी।लोग आदर और सम्मान के साथ उनके द्वारा गाए गए गीतों को सुनते है।वक्ताओं ने कहा की स्वर कोकिला लता मंगेशकर की ही तरह इनकी भोजपुरी भाषियों के बीच पहचान थी।

वक्ताओं ने कहा की छठ पर्व की शुरुआत के दौरान इनकी मृत्यु होना इस बात का प्रतीक है की सिर्फ उनका शरीर नष्ट हुआ है उनकी आत्मा सूर्य देव को समर्पित हुई हैं।

भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान और भोजपुरी शोध एवं विकास ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल लोगो में मुख्य रूप से बड़हरा विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रघुपति यादव,भोजपुरिया जन मोर्चा के भरत सिंह सहयोगी,वरिष्ठ रंगकर्मी कृष्णेंदु,समाजसेवी अमरदीप कुमार जय,रंगकर्मी रंजन यादव ,समाजसेवी दीपक कुमार अकेला, डॉ अशोक त्रिपाठी,वरिष्ठ रंगकर्मी इस्त्याक अहमद,गोरख नाथ अकेला,पत्रकार गौतम अनुभवी,अविनाश प्रसाद, विनोद सिंह,जितेंद्र सिंह,गुड्डू कुमार,जितेंद्र जी आदि प्रमुख थे।
श्रद्धांजली सभा में पूर्व में बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं अंत में दो मिनट का मौन धारण कर उनकी आत्मा की चीर शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की गई।

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DNTV इंडिया NEWS

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