Categories: त्योहार

छठपूजा की तिथियाँ।

दुनिया का सबसे भावुक पर्व जिसमे अंतरात्मा से लोग सूर्य भगवान और छठ मैया की पूजा करके आशीर्वाद लेते है।

नहाय खाय (5 नवंबर ) छठ पूजा के पहले दिन, श्रद्धालु नदी या तालाब में स्नान करते हैं और केवल शुद्ध और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।

खरना (6 नवंबर) दूसरे दिन, व्रती दिन भर निर्जला उपवास रखते हैं। शाम को पूजा के बाद प्रसाद के रूप में खीर, रोटी और फल खाए जाते हैं।

संध्या अर्घ्य (7 नवंबर ) तीसरे दिन, व्रती सूर्यास्त के समय नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। यह छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है।

प्रात: कालीन अर्घ्य (8 नवंबर ) चौथे दिन, उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जिसके बाद व्रती अपना व्रत तोड़ते हैं और प्रसाद वितरण करते हैं।

छठ पूजा की महिमा|

छठ पूजा को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इस दौरान श्रद्धालुओं को कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है। यह व्रत परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और रोगमुक्त जीवन के लिए किया जाता है। इस त्योहार के दौरान सूर्य की आराधना से हमें ऊर्जा और शक्ति मिलती है, जो जीवन में सकारात्मकता का संचार करती है।

Share
Published by
Gautam Anubhavi

Recent Posts