पटना: बिहार के प्रख्यात चिकित्सक और गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले डॉ. अरुण तिवारी का रविवार को निधन हो गया। महेंद्रू के रानी घाट स्थित अपने छोटे से क्लिनिक से वह गरीब और जरूरतमंद मरीजों का इलाज करते थे। मात्र 50 रुपये की फीस में सस्ती दवाइयां और सटीक इलाज के कारण वह पूरे बिहार में प्रसिद्ध थे।
सुबह 6 बजे से ही उनके क्लिनिक पर मरीजों की लंबी कतार लग जाती थी। बताया जाता है कि डॉ. तिवारी प्रतिदिन करीब 300 मरीजों को तीन शिफ्ट में देखते थे। उनकी सेवाओं के कारण उन्हें गरीबों का मसीहा माना जाता था।
डॉ. तिवारी ने अपनी चिकित्सा सेवा की प्रेरणा अपने गुरु डॉ. शिव नारायण सिंह से ली थी। महंगी जांच और दवाओं से बचाते हुए वह गरीब मरीजों के लिए उम्मीद का सहारा बने। उनका जन्म 1946 में पटना में हुआ था। सेंट जेवियर स्कूल और पटना मेडिकल कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने 1987 में अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर महेंद्रू में क्लिनिक शुरू किया।
डॉ. तिवारी के निधन को मानवता के लिए बड़ी क्षति माना जा रहा है। उनके योगदान को याद करते हुए कई लोग भावुक हुए। उनके इलाज का तरीका और मरीजों के प्रति उनकी सादगी ने उन्हें अमर बना दिया है।
डॉ. अरुण तिवारी के निधन पर बिहार और आसपास के क्षेत्रों के लोग शोक प्रकट कर रहे हैं। उनका जाना चिकित्सा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
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