You may also like
सोचना क्लिष्ट कल्पना है कि घर वालों को सहमत करने के बाद परमार्थ के लिए कदम उठाएँगे। यह पूरा जीवन समाप्त हो जाने पर भी संभव नहीं होगा।
व्यवहार की मधुरता, सरलता और निष्कपटता में वह शक्ति होती है जो दूसरों के बंद द्वार खोल देती है। प्रारंभिक मिलन के […]
जितना अहंकार को त्याग कर आप प्रकृति के समीप जाएंगे , वह उतना ही आपको स्नेह करेगी यह एक दम सत्य और […]
दुःख के बाद सुख और संकट के बाद सुविधा आना प्रकृति का अटल नियम है। हमें बस इतना समझना है कि संकट आने पर क्या करें-क्या न करें पढ़े