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कवियों और कलाकारों ने स्वच्छता को लेकर दिया संदेश/गंदगी के खिलाफ जंग है जारी। सीता साहु

पटना/बिहार। स्वच्छ्ता सर्वेक्षण में शहर को बेहतर बनाने को लेकर पटना नगर निगम द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है रविवार को विदेश मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव एकम सप्ताह कार्यक्रम के तहत बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने बिहार के पारंपरिक गीत गाकर लोगों में देशभक्ति की भावना जागते हुए स्वच्छता के प्रति जागरूक किया है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन करने उपरांत पटना की मेयर सीता साहू ने कहा कि बड़े संघर्ष के बाद हमें 1947 में आजादी मिली हैं और हम सब आजादी का 75 वाँ साल मना रहे हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाह्न पर गंदगी के खिलाफ भी जंग चल रही है। इस जंग में जीत के लिए सभी का स्वच्छता पर्व में भाग लेना जरूरी है। शहर की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए पटना नगर निगम द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। शहरवासियों से अपील करते हुए कहा स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में भाग लेने की बात। लोगों की इस सर्वेक्षण में जितनी अधिक भागीदारी होगी, शहर की रैंकिंग उतनी अच्छी होगी।
लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने स्वच्छता को सबसे आवश्यक बताते हुए कहा कि स्वच्छता हमारे संस्कार का ही हिस्सा है। स्वस्थ भारत के लिए स्वच्छ भारत होना जरूरी है। लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता से देश को ताकत मिलेगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में उन्होंने स्वच्छता जागरूकता संबंधी अनेक गीतों की प्रस्तुति की। मेयर सीता साहू व दूसरे लोगों ने विदेश मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आयोजित आर्ट एवं क्राफ्ट प्रदर्शनी को भी देखा और कलाकारों की मेहनत की सराहना की।
दूसरे सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार शिवनारायण की अध्यक्षता में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट एवं नगर निगम के ब्रांड एम्बेसडर पवन ने सुनाया-तेरे दो नयन जैसे दो गहरी झील*. रेखा भारती मिश्रा, श्वेता मीनी, अर्चना आर्यन, विभा सिंह, पंकज प्रियम उमाशंकर सिंह, रूबी भूषण, अविनाश झा, संजय किशोर आदि ने भी अपनी कविताओं का पाठ किया गया है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत के साथ विष्णु थापा ने बांसुरी पर राकेश कुमार ने हारमोनियम पर और भोला कुमार में नाल पर संगत किया।
कवि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए देश के जाने माने कवि शिवनारायण ने सुनाया- मेरी हरीतिमा के विध्वंस से रचना चाहते हो अपने आराम के साधन।
वरीय कवि दिलीप कुमार ने सुनाया-वसुंधरा का सम्मान हो.. चर्चित कवि पंकज प्रियम ने सुनाया- दिल का कोना है मेरे सुना, साजन विरह दिन ये ना जीना..
कवयित्री रूबी भूषण ने सुनाया-सफेद विष से भरी चादर ढक लेती है सम्पूर्ण  धरती को..उमाशंकर सिंह ने सुनाया-अगर शांति की चाहत हो तो,पहरे मृदुल वचन श्रृंगार.. युवा कवयित्री रेखा भारती ने सुनाया-अनगिनत चाह बो गयी आँखे.. अर्चना त्रिपाठी ने सुनाया-रिश्तों का दिया दर्द, संचालन युवा कवयित्री स्वेता मिनी ने किया।

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