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कल बिहार वासियों की मत की गणना किसकी बनेंगी माथे की ताज। ( मतगणना दिवस) आपदा में श्रमिक मजदूरों के दामन पर पड़े दंस देख कर रो पड़ी थी बिहार की जनता। क्या आँसुओ में बहे गी या विकास की ओर जाएंगी।

( जॉर्नलिस्ट गौतम कुमार) कल 10 नवम्बर बिहार वासियों की मत की गणना किसकी बनेंगी माथे की ताज। ( मतगणना दिवस) आपदा में श्रमिक मजदूरों के दामन पर पड़े दंस देख कर रो पड़ी थी बिहार की जनता। क्या आँसुओ में बहे गी या विकास की ओर जाएंगी।
वैसे आपको याद दिलाते चले कि 23 मार्च 2020 को कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन को लागू किया गया था तब बिहार से बाहर रह रहे मजदूरों का बिहार वापसी शुरू हो गई थी उस वक़्त भारत के कोने कोने से बिहारी अपने घर जैसे तैसे ही अपने घर पहुचने की कोशिश में लग गए थे। ऐसे में बिहारी मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा था।  
हजारों मील पैदल चल कर घर वापस आने के दौरान भूख प्यास और जहा तहा प्रशासन की लाठियां भी खानी पड़ रही थी फिर भी लाखों मजदूरों ने आने की शिलशिला को नही रुकने दिया।  ऐसे में सरकार अपनी वासियों के लिए कोई ठोस कदम भी नही उठा सकी ताकि मजदूर आ सके। जिसका असर बिहार की जनता में देखने को मिला था। बिहार सरकार के खिलाफ आम जनता के साथ साथ राजनीतिक दलों का शहर के हर कोने से आंदोलन कारी भाषाओं में विरोध किया गया था।
  ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत उन उद्यमियों के सामने खड़ी हो गई है, जिनकी कंपनियां बन्द हो गई थी।
 बरहाल 44 दिन बाद बिहार सरकार ने अपनी खामियाजा दरकिनार करते हुए 8 मई को लौटे प्रवासी श्रमिकों को अपने राज्य में रोजगार देने की तैयारी में जुटने की घोषणा की थी।
 बिहार सरकार नीतीश कुमार ने घोषणा करते हुए कहा की अब श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार देने की तैयारी में जुट गई है। ताकि उनको दोबारा से पलायन ना करना पड़े। श्रमिकों को रोजगार देने के लिए बिहार सरकार के 12 विभागों में 3 लाख 44 हजार योजनाएं शुरू की गई है।
 इसकी जानकारी राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनूप कुमार ने दी थी। उन्होंने बताया कि मनरेगा, जल-जीवन-हरियाली, नल-जल, सड़क निर्माण आदि कार्यों को शुरू कराया गया है। लॉकडाउन के दौरान अब तक 12 विभागों के तीन लाख 44 हजार योजनाएं शुरू की गई हैं, जिसके तहत एक करोड़ 34 लाख कार्य दिवस का सृजन किया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के प्रमुखों से कहा था कि प्रवासी मजदूरों के स्किल सर्वे से प्राप्त प्रोफाइल के अनुसार रोजगार सृजन के लिए अग्रिम तैयारी कर लें। जिससे स्किल के अनुरूप उनसे काम लिया जा सके। 
अब देखना है की बिहार सरकार नीतीश कुमार की यह घोषणा का कितना असर बिहार वासियों पर हुआ है। कल की मतगणना में बिहार वासियों की मतगणना में किसको सरताज पहनाती है।