मेरी कलम से बिखरे बिंदु,
प्रातः की किरणें तेज का बिंदु
मेरी कलम से बिखरे बिंदु…..
..!शून्य हृदय शाश्वत सत्य के बिंदु,
कलम कल्पना प्रतिफल बिंदु
सत्य की अल्पना जीवन बिंदु।
मेरी कलम से बिखरे बिंदु ……..!
निरंतर झरते ओस के बिंदु
सिंधु स्रोत सम प्रेम के बिंदु
लक्षित शुभ आचार के बिंदु।
मेरी कलम से बिखरे बिंदु……..
नित नवीन उल्लेखित बिंदु
समदर्शी सद्व्यवहार के बिंदु
बसंतकुमार पतझड़ के बिंदु ।
मेरी कलम से बिखरे बिंदु…….!
शिशिर शरद हेमन्त के बिंदु
मन्द पवन मेघ जलज के बिंदु
वसुधा सूर्य दिशाओं के बिंदु
मेरी कलम से बिखरे बिंदु ….. !
अभिलाषा पूर्ण काम के बिंदु
निर्भय स्वांस समभाव के बिंदु
दीर्घ काम विश्वास के बिंदु।
मेरी कलम से बिखरे बिंदु……!
रचनाकार :अभिलाषा शर्मा 🤗
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