ऐपवा का जिला स्तरीय महिला कन्वेंशन संपन्न। ऐपवा का 30 सित०1अक्टूबर को 9 वां राष्ट्रीय सम्मेलन/न्याय और बराबरी के लिए संघर्ष होगा तेज-मीना तिवारी।
न्याय और बराबरी के लिए संघर्ष को तेज करने के लिए सितंबर 1 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाले ऐपवा का 9 वां राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी को लेकर ऐपवा का भोजपुर जिलास्तरीय महिला कार्यकर्ता कन्वेंशन माले जिला कार्यालय श्री टोला में संपन्न हुई!
कन्वेंशन में सैकड़ों महिला कार्यकर्ता मौजूद थी!कन्वेंशन का संचालन ऐपवा जिला सचिव इंदू सिंह ने की!कन्वेंशन के मुख्य अतिथि भाकपा- माले पोलित ब्यूरो सदस्य व ऐपवा के राष्ट्रीय महासचिव मीणा तिवारी ने कहा कि ऐपवा का का 9 वां राष्ट्रीय सम्मेलन एक चुनौतीपूर्ण दौर में हो रहा है जब सरकार ने आजादी और लोकतंत्र की हर तरह की आवाजों को कुचलने में कोई कसर नहीं उठा रही है आज अगर महिलाएं कहीं भी अपनी रोजी-रोटी से लेकर हक,बराबरी और न्याय के लिए आवाज उठाती है।
सरकार द्वारा और सरकारी संरक्षण प्राप्त सामाजिक धार्मिक पर हो तो साली वर्गों और सामंती तत्वों के गठजोड़ द्वारा महिलाओं के हक अधिकार हर आवाज को निर्ममता से कुचल देने की कोशिश खुलेआम दिखती रही है!इस वर्ष की शुरुआत में हमने देखा कि कैसे बेटी बचाओ का नारा लगाने वाली मोदी सरकार ने देश की महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का बचाव किया और आज की तारीख में वह भाजपा का सदस्य है और सांसद बना हुआ है हाल ही में मणिपुर में भी भाजपा की विघटन करी राजनीति का नतीजा सामने आया जब वहां लगातार चल रही हिंसा के बीच कुकी जनजाति की दो महिलाओं को पुलिस के मौजूदगी में में निर्वस्त्र कर घुमाया गया।
एक महिला की सामूहिक बलात्कार किया गया उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के चयन के जाति और नागरिक के रूप में जीने की बढ़ती दावेदारी को कुंद करने के लिए सत्ता द्वारा तरह के षडयंत्र किया जा रहे हैं!आज समान नागरिक संहिता अर्थात सबके लिए एक कानून की बात शुरू कर भाजपा सरकार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहती है जबकि जरूरत इस बात की है कि सभी फैमिली लाॅ और विशेष कानून में महिलाओं के लिए न्याय व बराबरी की बात हो! देश के इतिहास में इसे सांप्रदायिक राजनीति का सबसे खौफनाक समय कहा जा सकता है जब बिल्किस बानो के बलात्कारियों को संस्कारी बताकर रिहा करने,हिजाब के नाम पर मुस्लिम छात्राओं को स्कूल छोड़ने के लिए बात करने लब्जहत का झूठा प्रचार करने तीन तलाक कानून में मुस्लिम पुरुषों को जेल भेजने का प्रावधान जबकि अन्य किसी तलाक में कानून में जेल की सजा नहीं होती है जिससे न जाने कितनी कारवाइयों पर कानूनी और संवैधानिक जमा बनाए जाने लगा है हम यह भी जानते हैं कि मनुस्मृति को मानने वाले यह लोग विवाह तलाक उत्तराधिकारी आदि कानूनों में लैंगिक समानता और अपनी विचारधारा के नाते महिला बराबरी के घोर विरोधी हैं!
दहेज उत्पीड़न ऑनर किलिंग दलित पिछड़े आदिवासी और गरीब महिलाओं का उत्पीड़न कन्या भ्रूण हत्या बलात्कार डायन जैसे अनगिनत अपराधियों के साथ-साथ आज की तारीख में साइबर ब्लैकमेलिंग,ऑनलाइन धमकी आदि जैसे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है!संस्कृति और धर्म की रक्षा के नाम पर भाजपा आरएसएस की सरपरस्ती में खुद की तरह हैं अनेक हिंदूवादी संगठन अक्सर इन घटनाओं में शामिल किए जाते हैं और महिलाओं को नियंत्रित करने की नई-नई जुगाड़ करते रहते हैं कन्वेंशन में सम्मेलन की तैयारी को लेकर विस्तृत बातचीत की गई और पूरे जिले भर में 50 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य लिया गया!इसके जरिए महिलाओं को टीम बनाकर जिले भर में महिलाओं के बीच व्यापक अभियान चलाया जाएगा!कन्वेंशन में अतिथि के बतौर भाकपा-माले केंद्रीय कमेटी सदस्य व भोजपुर जिला सचिव जवाहरलाल सिंह,आरा नगर सचिव दिलराज प्रीतम ऐपवा वरिष्ठ मंत्री मीरा जी मौजूद थी।