आरा पहुंची कन्याकुमारी से कश्मीर तक राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा|

चलो दीप वहां जलाएं, जहां अब भी अंधेरा है:संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज|

आरा/भोजपुर| सत्संगति हमारे जीवन को निखारती है। शरीर की पुष्टि और इन्द्रियों की तृप्ति मानव जीवन का उद्देश्य नहीं हो सकता, शरीर का ध्यान रखना जितना आवश्यक है। शरीर को सबकुछ समझ कर आत्मकल्याण के मार्ग से दूर हो जाना ये श्रेष्ठ जीवन नहीं है।

उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में शहर के ग्रैंड रिसोर्ट धनुपरा में आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा का नाम अध्यात्म है। आध्यात्मिक महापुरुषों के बदौलत ही भारत विश्व गुरु रहा है, विश्वगुरु है और मैं कहता हूं भारत विश्व गुरु रहेगा। कहा कि विश्वगुरु भारत की आध्यात्मिक संस्कृति पूरे विश्व को प्रेम, शांति एवं आनन्द का संदेश देती रही है। हमारी आंतरिक शांति द्वारा ही विश्व-शांति संभव है।

उन्होंने कहा कि अध् दौरान बताया कि अयात्म का महाशास्त्र है स्वर्वेद। स्वर्वेद हमारी आध्यात्मिक यात्रा को सदैव जागृत रखता है। स्वर्वेद का आचरण मनुष्य को देवत्व में स्थापित कर देता है।

बताया कि भीतर की अनंत शक्ति का सच्चा ज्ञान स्वयं को जानने से होता है। आंतरिक शांति के अभाव से ही आज विश्व मे अशांति है।

संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है।
संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज की दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग ढाई घंटे तक प्रवाहित हुई। स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।

आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारोह महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज 7 जुलाई से दक्षिण भारत कन्याकुमारी से संकल्प यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। संकल्प यात्रा दक्षिण भारत तमिलनाडु केरल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा के बाद बिहार के रोहतास, कौमुर होते हुए आरा में संकल्प यात्रा कार्यक्रम संपन्न हुआ।
06 एवं 07 दिसंबर 2024 को विशालतम ध्यान – साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। जिस क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले।

बताते चलें की विहंगम योग के प्रणेता अनंत श्री सदगुरू सदाफल देव जी महाराज की 135 फिट से भी ऊंची प्रतिमा (Statue of Spirituality) का भी निर्माण स्वर्वेद महामंदिर परिसर मे होने वाला है।

भक्तों ने अपनी लोक-संस्कृति की पुनीत परंपरा द्वारा सुपूज्य संत प्रवर श्री का हार्दिक स्वागत, सोत्साह गीत,संगीत, नृत्य एवं पुष्पवर्षा के साथ किया।

इस अवसर पर संरक्षण रामचंद्र तिवारी, बिहार राज्य समन्वयक सह दक्षिण बिहार महामंत्री भूपेंद्र राय, पटना पश्चिमी प्रमंडल मंत्री उमेश कुमार, युवा अध्यक्ष बिहार संजय सिंह, सचिव भोजपुर विजय पाण्डेय, मीडिया प्रभारी सुरेश कुमार, आरा अनुमंडल संयोजक श्रीकृष्ण प्रसाद, संयोजिका रीना गुप्ता सहित कई अन्य लोग शामिल रहे।

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