अभी उड़ना बाकी है {आज की कविता } Abhilasha Sharma

अभी उड़ना बाकी है

उड़ना अभी बाकी है 
क्यूंकि आशाओं की शान अभी बाकी है 
थम चुकी भावनाओं का मान अभी बाकी है 

सपनों की राह में उड़ना अभी बाकी है
थक  सी गयी हैं आखें लेकिन अभी रौशनी बाकी है
उड़ते हुए पंछियों से ,गाते हुए भ्रमर से राग पूंछना बाकी है 

नील वर्ण नीलाकाश से रंग छीनना अभी बाकी है 
बाकी रही सफलता को निःशेष बनाना बाकी है 
दुश्मन के अहंकार को निज पराक्रम से चूर बनाना अभी बाकी है 

जो बने हैं कायर और मौत के  सौदागर 
उनसे लड़ना अभी बाकी है 
भ्रष्ट नीच राज सत्ता धारियों को नीलाम करना अभी बाकी है 

अभिलाषा ..{मेरी कलम मेरी अभिव्यक्ति }

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DNTV इंडिया NEWS

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