जदयू प्रतिनिधिमंडल के पहुंचते ही वहां ले जाया गया जहां रेलवे स्टेशन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब रेल मंत्री थे उस समय रेलवे स्टेशन के लिए लगाऐ गए बोर्ड के साथ साथ रेलवे स्टेशन के लिए मिट्टी भराई का कार्य किया गया था।
प्रतिनिधी मण्डल में जिलाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा के साथ आरा महानगर अध्यक्ष राकेश रंजन पुतुल, उमेश कुशवाहा, राजेश कुमार गुप्ता, बिन्देशवर शर्मा, वंशलायक शर्मा के साथ कई साथी आमरण अनशन स्थल पर पहुंचकर उनसे मुलाकात किया। जहां 09की संख्या में अनशनकारी आमरण अनशन पर लेटे हुए थे। जहा कुछ की हालत खराब थी ।
ज्ञात हो की अनशनकारी दिनांक-20-02-2020 से ही आमरण अनशन पर हैं । बताया जाता है कि कसाप रेलवे स्टेशन मार्टिन रेलवे के समय भी था। और नीतीश कुमार के रेलमंत्री काल में तय हुआ था कि छोटी लाईन के समय जो रेलवे स्टेशन थे वे बरकरार रहेंगे व इसी के तहत अनशन स्थल पर मिट्टी भराई का काम हुआ और बोर्ड भी लगा, गाडियां भी रुकने लगीं, लोग भी आशवस्त हो गए, लेकीन उनकी खुशी स्थाई नहीं रही, जहां रेलवे स्टेशन बननी चाहिए वहीं ट्रेनों का रूकना भी बंद हो गया। जबकी कसाप की दूरी आरा रेलवे स्टेशन से 10 कीलो मीटर से अधिक व गडहनी स्टेशन की भी दूरी कसाप से 10 कीलो मीटर की दूरी पर है।
अगल बगल 10 से अधिक गांव है जीनकी आबादी हजारों में है। इस तरह कसाप रेलवे स्टेशन बनना हर दृष्टिकोण से उचित प्रतीत होता है।
अतः निवेदन है कि जनहित एवं रेलवे हित में कसाप रेलवे स्टेशन का निर्माण अवश्य हो।