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क्राइम

अतीत को दुहराया पंचायत का क्रूर फैसला। पूरी पढ़े दर्दनाक खबर।

भारत मे अजीबोगरीब घटनाओं का लिस्ट देखा जाए तो सुर्खियों के प्रीस्ट पर  राज्य बिहार का नाम जरूर दिख जाएगा। आज गया जिला में घटना का खुलासा अतीत की इतिहास को याद दिलाता है।

फुटेज पीड़ित बच्ची, सुमन कुमारी का स्कूल जाना बंद।

गया/बाके बाजार गोइठा गांव पंचायत के क्रूर फैसले का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। पंचायत ने  चार परिवार के 22 सदस्यों एवं 24 जानवरों को हुक्का पानी पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं सामाजिक बहिष्कार के साथ गांव में किसी से बातचीत करने पर रोक , बच्चों को विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र जाने पर प्रतिबंध , गांव में दूध बेचने पर रोक , किसी के यहां मजदूरी और पढ़ाई करने पर भी पाबंदी , दूसरे के पंप सेट से खेतों के पटवन पर रोक , महिला समूह से निष्कासन , मंदिर में पूजा पाठ पर प्रतिबंध , जानवरों को दूसरे के खेत में चराने पर रोक , गांव की दुकान से राशन की खरीद पर रोक , सहित कई क्रूर फैसले पंचायत द्वारा सुनाया गया है।

फुटेज पीड़ित महिला मीना देवी।

पीड़ित परिवार को मदद करने वाले पर ₹5000 जुर्माना भी पंचायत ने मुकर्रर की है। पूरा मामला गया जिला के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बांके बाजार के गोईठा गांव की है। पंचायत के इस फैसले से 4 परिवारों के 22 लोगों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। पूरा परिवार मानो कैद में जी रहा है।  दरअसल में इस क्रूर फैसले के पीछे गांव के ही 60 वर्षीय खिलेश्वर यादव की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत के बाद मृतक के परिजनों ने इन चार परिवार के 22 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था। 60 वर्षीय खिलेश्वर यादव की हत्या का आरोप इस परिवार पर पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला दर्ज कराया गया था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस इसे हत्या नहीं मान रही है। मृतक का विसरा जांच के लिए पटना भेजा गया है। बरहाल अब देखना यह है कि इस दर्दनाक पंचायती पर शुसासन की सरकार में रहे प्रशासन की बोल-बाला कायम रहता है या की पंचायती।