“अगर तुम समझती मेरी भाषा
तो जीवन है
हर पल एक प्यारी सी आशा …
अभिव्यक्ति के मौन सिन्धु में
प्रेम है एक सुन्दर परिभाषा
अगर तुम समझती मेरी भाषा
ना होती क्षण क्षण व्यर्थ हताशा
संघर्षों के निष्ठुर पाषाणों में
ना होती विस्मृत लक्ष्य पिपासा
अगर तुम समझती मेरी भाषा
तो जीवन है
हर पल एक प्यारी सी आशा ||
अभिलाषा भारद्वाज {मेरी कलम मेरी अभिव्यक्ति }