आरा/भोजपुर। जैन कॉलेज और एस. बी. कॉलेज में छात्र संगठन आइसा ने सदस्यता अभियान चलाया। सैंकड़ों छात्रों ने आइसा की सदस्यता ग्रहण की और शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वाली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया।
आइसा नेताओं ने कहा की भाजपा सरकार देश की पूरी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर देना चाहती है। शैक्षणिक संस्थानों में फंड कटौती, फीसवृद्धि, सीट कटौती कर, छात्रों को मिलने वाली फेलोशिप बंद सरकार आम छात्र-छात्राओं को शिक्षा से बेदखली करना चाहती है। सरकार विश्वविद्यालयों में उच्च पदों पर आरएसएस के लोगों को नियुक्त कर शिक्षा का भगवाकरण करना चाहती है। और सरकार के खिलाफ उठने वाले छात्र आंदोलनों को दबाने के लिए उनपर फर्ज़ी मुकदमे कर रही है। साल दर साल शिक्षा के बजट में कटौती हो रही, बेरोजगारी अपने 45 साल के सबसे चरम सीमा पर है। रोजगार देना तो दूर कई सेक्टरों में सरकार ने छटनी करना शुरू कर दी है।
बेरोजगारी के कारण नौजवान आत्महत्या कर रहे लेकिन सरकार अपने आकाओं को देश की संपत्ति सौंप रही है। भाजपा सरकार देश के भीतर नौजवानों को हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर गुमराह कर नफरत की राजनीति समाज मे फैला रही है। लेकिन छात्र संगठन आइसा ऐसी विचारों को छात्र विरोधी शिक्षा नीति का हमेशा से विरोध किया है। छात्र संगठन आइसा बेहतर कैंपस के लिए, कैंपस में शैक्षणिक माहौल, वैज्ञानिक और तार्किक शिक्षा व्यवस्था के लिए हमेशा संघर्ष किया, और आज छात्र हमारे इस विचार से जुड़ रहे है। सदस्य्ता ग्रहण कर रहे छात्रों ने कहा कि देश मे नफरत की राजनीति के खिलाफ इस देश के छात्र-नौजवान भगतसिंह-अंबेडकर के सपनों का भारत बनाएंगे और संकल्प लिया कि शिक्षा को चंद मुठ्ठी भर लोगों के हाथों बेचने वाली इस सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलनों के आगाज़ करेंगे। सदस्य्ता अभियान में शामिल थे आइसा के सहसचिव और छात्र संघ अध्यक्ष सुधीर कुमार, छात्र प्रतिनिधि सूरज कुमार, लालजी शर्मा, सुमीत कुमार, राजेश कुमार, अमन कुमार और अन्य लोग थे।