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महान सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले का 197 वां जन्मदिन मनाया गया| माले

लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ अभियान चलायेगी /महात्मा ज्योतिबा फुले के सपनों को मोदी सरकार कारपोरेट घरानों के हाथों बेच रही है-माले

महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के 197 वें जयंती के अवसर पर पार्टी जिला कार्यालय श्रीटोला में तैलचित्र पर माल्यार्पण व एक मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित कर, लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ अभियान चलाने का संकल्प लिया गया|

भाकपा-माले द्वारा संकल्प लेते हुए कहा की 11 अप्रैल ज्योतिबा फुले के जन्मदिन से लेकर 22 अप्रैल तक अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है जिसमें लोगों के बीच समाजिक ताने-बाने को खत्म करने वाले फासीवादी ताकतों के खिलाफ अभियान चलाया गायेगा |

माले जिला सचिव जवाहरलाल सिंह ने कहा कि गुलामी के दिनों आम जनता में जहां शिक्षा के प्रति अज्ञानता थी लोग रूढ़िवादी व्यवस्था के जकड़न में जकड़े हुए थे फिर अंग्रेजी शासन में पढ़ने के अधिकार नहीं था उस दौर में महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई और लोगों ने पढ़ने के लिए आगे बढ़े! लेकिन आज मोदी सरकार में ज्योतिबा फुले के सपनों को अदानी-अंबानी के हाथों सौंप रही है ज्योतिबा फुले जहां शिक्षा के प्रति अलख जगाया तो वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार में पूरे शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया गया, शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है जो आम छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है! शिक्षा को मुनाफे का व्यवसाय समझ लिया गया है|

सरकारी स्कूल कॉलेजों को बंद कर निजी शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है जो देश समाज के लिए आत्मघाती है इसलिए ज्योतिबा फुले के सपनों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है! कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा-माले राज्य स्थाई समिति सदस्य व आरा लोकसभा इंडिया महागठबंधन प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने कहा कि आज फुले और अंबेडकर को उनकी जयंती पर याद करना उनकी क्रांतिकारी विरासत को जिंदा रखना है और आज जब भारत के सबसे निर्णायक चुनावी जंग में संवैधानिक लोकतंत्र का भविष्य दांव पर लगा हुआ है, हमें फुले और अंबेडकर की क्रांतिकारी विरासत से ताकत और प्रेरणा लेने की जरूरत है|

हमें बिलकुल याद रखना चाहिए कि बाबा साहेब अंबेडकर ने न सिर्फ हमें संविधान और आरक्षण दिया, बल्कि उन्होंने हमें राजनीति में भक्ति के खतरों से भी आगाह किया था! इसे उन्होंने तानाशाही का नुस्खा बताते हुए कहा था कि अगर हिंदू राष्ट्र हकीकत बन गया तो हम पर बहुत बड़ी मुसीबत आएगी! हम फुले और अंबेडकर की जयंती मनाते हुए उनके विचारों को आत्मसात करें और संविधान और भारत के लोकतांत्रिक भविष्य की रक्षा के लिए पूरे समर्पण और ताकत से काम करें!

कार्यक्रम का संचालन भाकपा-माले नगर सचिव दिलराज प्रीतम ने किया!कार्यक्रम में भाकपा-माले राज्य कमेटी सदस्य शब्बीर कुमार,जिला स्थाई समिति सदस्य रघुवर पासवान,जितेंद्र सिंह,जिला कमेटी सदस्य संगीता सिंह,शोभा मंडल,अमित कुमार बंटी,बालमुकुंद चौधरी,निरंजन केशरी,सुशील पाल,नगर कमेटी सदस्य हरिनाथ राम,बबलू गुप्ता,संतविलास राम,मिल्टन कुशवाहा,रौशन कुशवाहा,रामाशंकर प्रसाद,कृष्णरंजन गुप्ता, कलावती देवी,देवानंद पासवान,शिवराज कुमार,अखिलेश कुमार,रणधीर कुमार राणा,श्यामसुंदर दास,शंभू पासवान,रितेश पासवान,छोटेलाल सिंह,लव कुमार,करन पटेल,विकास कुमार विराट,अंकित राज,नीलू कुमार,नीतिश कुमार,राजेश गुप्ता,आदि कई लोग शामिल थे!