आरा/भोजपुर: आरा, भोजपुर: बिहार राज्य बार काउंसिल के सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता सुदामा राय (77) को 24 दिसंबर 2024 को भावभीनी अंतिम विदाई दी गई। 23 दिसंबर को हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया था। बार काउंसिल में 2003 से सक्रिय सदस्य रहे सुदामा राय ने अधिवक्ताओं के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी।
अंतिम संस्कार में भोजपुर जिला अधिवक्ता संघ के दर्जनों सदस्य, न्यायपालिका से जुड़े गणमान्य व्यक्ति और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित थे। सभी ने उनकी निःस्वार्थ सेवा और अधिवक्ता समाज के प्रति उनके समर्पण को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
संघर्ष और सेवा का प्रतीक
सुदामा राय अधिवक्ता समाज में सादगी, ईमानदारी और संघर्ष के प्रतीक माने जाते थे। उन्होंने बार काउंसिल के भीतर कई महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उनके योगदान के कारण युवा अधिवक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता मिली।
दो दिनों में दो बड़े अधिवक्ताओं का निधन
सुदामा राय के निधन से पहले, 22 दिसंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता ध्रुव नारायण सिंह (75) का भी हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। उनके निधन से अधिवक्ता समाज में शोक की लहर दौड़ गई।
भावभीनी श्रद्धांजलि
अंतिम विदाई में शामिल लोगों ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि सुदामा राय जैसे व्यक्तित्व सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं। अधिवक्ताओं और समाज के प्रति उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उनकी अंतिम यात्रा में हर आंख नम थी और सभी ने उन्हें याद करते हुए कहा, “सुदामा राय अधिवक्ताओं के लिए सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक थे। उनकी कमी अधिवक्ता समाज में हमेशा महसूस की जाएगी।”
श्रद्धांजलि सभा के दौरान उनके विचारों और आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया गया। सुदामा राय के निधन से बार काउंसिल ने एक मजबूत स्तंभ खो दिया है।