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औरो पर सितम क्या होगा जब हमने ही झेले हैं खंजर ” यूज एंड थ्रो नीति पर छलका बीसीए कोषाध्यक्ष का दर्द / बोले हर हाल में खिलाड़ियों का हित रहेगी प्राथमिकता। मनोज।

बिहार क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों का हित उनकी प्राथमिकता है ।
 बीसीए में शोभायमान पदाधिकारी बनकर रहने से बेहतर है कि उन्हें ऐसे पदाधिकारी के रूप में याद किया जाए जो खिलाड़ी के हित में पद त्यागने को भी तैयार रहता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिहार क्रिकेट संघ में क्रिकेट की जगह गुटबंदी को हवा दी जाती है। वह खुद इसके भुक्त भोगी हैं। कहने को वे बीसीए के निर्वाचित पदाधिकारी हैं जबकि उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार जारी है। सिर्फ चेक पर हस्ताक्षर भर याद किया जाता है। दूसरी ओर खिलाड़ियों के चयन से लेकर चयन समिति के गठन में  प्रतिभा की जगह चेहरे को तरजीह दी जाती है । ऐसे में प्रतिभावान खिलाड़ी शोषण के शिकार नहीं होंगे तो क्या होंगे। श्री सिंह ने कहा कि बिहार में विगत कुछ महीनों से क्रिकेट की बातें छोड़ और सारी तरह की बातें हो रही हैं। चयन समिति को लेकर पिछले दिनों संपन्न हुए इंटरव्यू में भी मनचाहे लोगों को आमंत्रण और प्रतिभावान लोगों की अनदेखी की बात सामने आ रही है । जबकि खिलाड़ियों के चयन में भी अनियमितता की बात जोर शोर से फिजां में गूंजता है । ऐसे में यह जरूरी है कि बिहार क्रिकेट संघ अपने आचरण में वह बदलाव करे जिससे क्रिकेट जगत और खिलाड़ियों में इस संस्था के प्रति और इसके पदाधिकारियों के प्रति सम्मान बढ़े। बीसीए कोषाध्यक्ष ने कहा कि बीसीसीआई से अनुदानित राशि क्रिकेट और क्रिकेटरों के विकास के लिए है। जिसका सदुपयोग होना जरूरी है। 
ऐसे में जरूरी है कि संगठन के निर्वाचित पदाधिकारी लोकतांत्रिक प्रणाली के अधिनस्थ वह कार्य करें कि आने वाला दिन बिहार क्रिकेट के लिए स्वर्णिम अध्याय बन जाए।