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अंधविश्वास व मूढ़ता को जनता की बदहाली की वजह मानते थे भगतसिंह | माले सुदामा प्रसाद|

स्वास्थ्य-सेवा में  पूंजीवादी लूट और मुनाफाखोरी का होगा विरोध

अंधविश्वास एवं मूढ़ता को जनता की बदहाली की वजह मानते थे भगतसिंह और उनके साथी
 शहीद-ए-आजम भगत सिंह शहादत दिवस मनाया गया

 23 मार्च 2020

आरा /भोजपुर | शहीद-ए-आजम भगत सिंह के शहादत दिवस पर भाकपा माले के नेताओं-कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय करमनटोला स्थित भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। जहा वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व आजाद भारत में उन्हीं की क्रांतिकारी परंपरा के कवि अवतार सिंह ‘पाश’ ने प्रगतिशील, वैज्ञानिक, तर्कशील विचारों को लेकर आजादी, समानता व बंधुत्व पर आधारित नए समाज और देश के लिए संघर्ष करते हुए अपनी शहादत दी थी|

 भगत सिंह व उनके साथियों ने पूंजीपतियों, धार्मिक धंधेबाजों के  स्वार्थपूर्ण रिश्ते को बखूबी पहचान लिया था। वे अंधविश्वास एवं मूढ़ता को भी जनता की बदहाली की वजह मानते थे।  इसीलिए उन्होंने अंग्रेजों की गुलामी के साथ-साथ दिमागी गुलामी से आजादी को जरूरी बताया| कहा की अगर भगतसिंह के सपनों का भारत सच्चे अर्थों में बना होता तो यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था और रिसर्च सुविधाएं बेहतर होतीं।

कोरोना वायरस जैसे किसी संकट के समय  इतनी अफरातफरी की स्थिति नहीं होती। आज इस देश के करोड़ों गरीब मेहनतकश लोग असुरक्षित हैं। डॉक्टरों तक के लिए सुरक्षा के प्रबंध नहीं हैं। स्वास्थ्य सेवा के निजीकरण ने संकट को और गंभीर बनाया है।

इस वक्त दुनिया के कई देशों की सरकारों ने स्वास्थ्य सेवा को सीधे राष्ट्रीय नियंत्रण में ले लिया है|  भारत सरकार अब भी इस महामारी से निपटने के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है। एक तो सरकार ने बहुत देर से कदम उठाया और प्रधानमंत्री बोले भी तो उनके संबोधन में वायरस के संक्रमण को रोकने व इसके कारण जनता की जीविका, अस्तित्व, स्वास्थ्य पर आए संकट, नुकसान को कम करने के प्रति किसी ठोस कदम का अभाव।

वक्ताओं ने कहा कि भाकपा-माले कोरोना के खिलाफ जन जागरूकता अभियान जारी रखेगी|  सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह प्रत्येक जिले में इस बीमारी के मुफ्त में परीक्षण व उपचार की सुविधा सुनिश्चित करे|

 स्वास्थ्य सेवा का राष्ट्रीयकरण करे। शहर के झुग्गी-झोपड़ियों और गांवों में गरीबों के लिए स्वच्छता व निरोगता के लिए सभी साधन उपलब्ध हों। बच्चों के लिए मिड डे मील और सभी के लिए राशन की होम डिलीवरी सुनिश्चित हो। जीविका के नुकसान की भरपाई के लिए निर्वाह भत्ता सुनिश्चित की जाए।

अफवाहों, अंधविश्वासों व नकली इलाज को सख्ती से रोका जाए। सभी बुजुर्ग, बीमार, कमजोर लोगों का ध्यान रखा जाए। स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन सबके लिए भाकपा-माले संघर्ष करेगी। पूंजीवादी शोषण से मुक्ति भगत सिंह का सपना था। यदि  सरकार  मौजूदा  महामारी  के दौरान भी स्वास्थ्य क्षेत्र में  पूंजीवादी लूट, मुनाफाखोरी पर अंकुश नहीं लगाती तो उसका जोरदार विरोध किया जाएगा।

इस दौरान भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य तरारी क्षेत्र के विधायक सुदामा प्रसाद, भाकपा माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य काॅ. राजू यादव, राज्य कमेटी सदस्य काॅ. क्यामुद्दीन अंसारी, जसम के राज्य सचिव सुधीर सुमन,आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार, इंनौस जिला संयोजक शिवप्रकाश रंजन,जिला कमेटी सदस्य गोपाल प्रसाद,पप्पू कुमार,सुरेश पासवान,दीनाजी, चंदन कुमार,रंजन कुमार,शियाकांत कुमार, कमलेश कुमार शामिल रहे|